आजमगढ़ अपने ही बेटे को जिंदा जलाने वाले पिता को कोर्ट ने सुनाया 10 वर्ष का कठोर कारावास
अपने ही बेटे को जिंदा जला देने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पिता को दस वर्ष के कठोर कारावास तथा बारह हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक बी डी भारती ने बुधवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार देवगांव क्षेत्र के नंदापुर निवासी भिखारी चौहान पुत्र राम लखन चौहान की पत्नी मर चुकी थी। वह अपने घर में दूसरी औरत ले आकर रखे हुए थे। जिसका विरोध उसके 15 वर्षीय पुत्र कैलाश ने किया। इस विरोध करने से नाराज हो कर 19 मई 2012 की रात भिखारी ने अपने सोए हुए पुत्र को मिट्टी का तेल छिड़ककर जला दिया। जली हुई हालत में चिल्लाते हुए कैलाश बाहर भागा।उसका शोर सुनकर पड़ोस में शिव पूजन सोनकर ने कैलाश को हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान कैलाश कीमृत्यु हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता जगदंबा पांडेय ने कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पिता को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया।अदालत ने आरोपी पिता भिखारी चौहान को दस वर्ष के कठोर कारावास तथा बारह हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।