आजमगढ़ दलित के साथ मारपीट के मुकदमे में अदालत ने दो आरोपियों को 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई
दलित के साथ मारपीट के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को तीन तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा प्रत्येक को छह अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला एससी एसटी कोर्ट के विशेष जज सतीश चंद्र द्विवेदी ने सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा सुरेश राम पुत्र फूलचंद निवासी व थाना कंधरापुर गांव के रामपति से रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश के कारण 28 नवंबर 2000 को सुबह सात बजे जब वादी सुरेश की भाभी सुधरावती बरदौर को साफ कर रहे थे। तभी रामपति शर्मा पुत्र जगदेव शर्मा रविंद्र पुत्र रामपति शर्मा, शैलेश उर्फ छांगुर पुत्र विंध्याचल शर्मा तथा दो अन्य नाबालिग ने जातिसूचक गाली देते हुए सुधरावती को मारा पीटा।इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से वादी मुकदमा सुरेश राम, सुधरावती,शारदा, लालचंद राम, डॉ एस पी सिंह, बृज नाथ दुबे, अनिल कुमार राय तथा रिटायर्ड सीओ चंद्रमा सिंह को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दौरान मुकदमा आरोपी रामपति की मृत्यु हो गई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी रविंद्र तथा शैलेश उर्फ छांगुर को तीन तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा छ छ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।