सात साल से रखी थी कार्बाइन पुलिस को नहीं थी भनक दरोगा और सिपाही सस्पेंड
एसपी ओझा
गोरखपुर।सपा नेता के बेटे व मतौनी के ग्राम प्रधान विजय प्रताप सिंह के पास से कार्बाइन मिलने के साथ ही पुलिस की सक्रियता भी सामने आ गई। पुलिस की माने तो विजय प्रताप के पास पिछले सात साल से कार्बाइन थी, लेकिन ऑपरेशन तमंचा चलाने वाली पुलिस बेखबर थी
अब मामला खुलने के बाद एडीजी अखिल कुमार ने हल्का दरोगा व बीपीओ को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। हालांकि, एसएसपी ने अभी सिर्फ बीपीओ नितेश को निलंबित कर विभागीय जांच का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस की जांच में सामने आया है कि सपा नेता के बेटे ने सात साल पहले कार्बाइन खरीदी थी तो वहीं चार साल पहले एक मुंडन कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों के सामने उसका प्रदर्शन करते हुए हर्ष फायरिंग भी की थी, लेकिन पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी। एडीजी ने इसे गंभीरता से लिया। एडीजी के निर्देश पर एसएसपी ने बीट सिपाही को निलंबित कर दिया, वहीं थानेदार से भी स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
उधर, असलहा कंट्री मेड है या फिर फैक्ट्री मेड इसकी सटीक जानकारी फॉरेंसिक जांच के बाद ही सामने आएगी। इसके अलावा असलहे के इस्तेमाल की जांच के लिए बैलिस्टिम जांच कराई जाएगी। यही वजह है कि पुलिस अब इसे लिखा पढ़ी में कार्बाइन जैसे दिखने वाले असलहे शब्द का इस्तेमाल कर रही है।
बेटे को साजिशन फंसाया जा रहा : कुंवर प्रताप
समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव कुंवर प्रताप सिंह ने कहा कि मेरे बेटे विजय प्रताप सिंह को साजिश के तहत जानबूझ कर फंसाया गया है। यह पूरा विवाद गांव के खेल मैदान की जमीन को लेकर है। इससे जुड़े लोग अब बेटे को फंसा रहे हैं। इसमें खोराबार थाने की पुलिस भी मिली है। मेरा बेटा गांव का प्रधान है इस लिए वह खेल का मैदान कब्जा करने वाले लोगों के निशाने पर है।
बृहस्पतिवार को एक प्राइवेट गाड़ी पर सवार कुछ लोगों ने बेटे को उठा लिया था। मैंने एसएसपी आवास पर जाकर बेटे के बारे में जानकारी करने की कोशिश की तो मुझे भी गिरफ्तार कर कैंट थाने पर 2 घंटे तक बैठाया गया और मेरा उत्पीड़न किया गया। इस बीच मुझे पता चला एक फर्जी वीडियो बनाकर कार्बाइन दिखाकर मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है।
चार साल बाद वीडियो सामने आना बना चर्चा का विषय
पुलिस ने अपनी जांच में खुद माना है कि वीडियो चार साल पुराना है। चार साल बाद वीडियो अचानक वायरल हो जाना महज एक संयोग है या फिर इसके पीछे कोई साजिश। इसे लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। कार्बाइन पाए जाने की कार्रवाई से किसी को एतराज नहीं, लेकिन विपक्षी पुलिस पर सवाल भी उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिसके घर पर मुंडन कार्यक्रम था, उसे यह बात तो तब से पता थी कि कार्बाइन विजय प्रताप के पास है, फिर उसने पहले पुलिस को क्यों नहीं बताया?
असलहे के रख रखाव करने वाला ऑयल भी मिला
पुलिस ने असलहे के साथ ही एक डिब्बा ऑयल भी बरामद किया है। जिसका इस्तेमाल असलहे को सुरक्षित रखने में किया जाता है। यही वजह है कि पुलिस मान रही है कि विजय प्रताप न सिर्फ असलहे का इस्तेमाल करता था, बल्कि ऑयल की मदद से उसे सुरक्षित रखता था। नियमित रूप से उसकी सफाई भी किया करता था।
पहले भी पकड़ी गई है कार्बाइन
वर्ष 2018 : कैंट पुलिस ने पूर्व विधायक के पुत्र व तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख प्रिंस को गिरफ्तार कर कार्बाइन बरामद की थी।
वर्ष 2005 : कोतवाली पुलिस ने गगहा के दो बदमाशों के पास से कार्बाइन बरामद की थी।
वर्ष 2004 : चिलुआताल पुलिस ने एक नेता की कार से कार्बाइन बरामद की थी।