आजमगढ़ दहेज उत्पीड़न की मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में कोर्ट ने दरोगा का वेतन रुकने का दिया आदेश
दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में पांच साल से विवेचना जारी रहने तथा अदालत को संतोषजनक उत्तर न देने पर न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए विवेचक दरोगा का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक देने का आदेश दिया है।इस मामले में अलीजा बानो पुत्री आस मोहम्मद निवासी मखदूमपुर ने 6 अगस्त 2017 को थाना अहरौला में पति सोहराब पुत्र गफ्फार निवासी वजीराबाद नेवादा थाना फूलपुर समेत छह लोगों पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था।इस मामले में पुलिस ने पति सोहराब को छोड़कर शेष के विरुद्ध 14 फरवरी 2018 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी। कोर्ट में दी गई 4 सीट में कहा गया कि पति सोहराब के विरुद्ध विवेचना प्रचलित है लेकिन पांच साल बीत जाने के बावजूद अभी तक इस विषय में समुचित रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई। बीते 18 फरवरी को अदालत में विवेचक व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर न्यायालय को अवगत कराया कि अभी भी विवेचना जारी है। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई तथा स्पष्ट आख्या तलब की। उसके बावजूद भी स्पष्ट आख्या विवेचक ने कोर्ट को नहीं दिया। फास्ट ट्रेक कोर्ट जूनियर डिविजन शिवशक्ति हर्षवर्धन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए विवेचक लाल बहादुर बिंद का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का आदेश दिया।