निजामाबाद नवरात्र के चौथे दिन भक्तों ने किया मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा का दर्शन पूजन
प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़। स्थानीय क्षेत्र के भैरोपुर कला गांव में मां शीतला का भव्य मंदिर स्थित है।सुबह से ही भक्तों ने मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा का दर्शन पूजन किया। मां कूष्मांडा को ब्रह्मांड का रचनाकार कहा जाता है।माना जाता है कि जब इस संसार का अस्तित्व नहीं था और चारों ओर अंधेरा छाया हुआ था तब इस सृष्टि को उत्पन्न करने के कारण देवी के चौथे स्वरूप को मां कूष्मांडा के नाम से जाना गया। ये नव दुर्गा का चौथा स्वरूप है।इनकी आठ भुजाएं हैं।इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल,धनुष, बाण,कमल पुष्प,कलश,चक्र और गदा है आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली माला है।देवी के हाथों में जो अमृत कलश है वह अपने भक्तों को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का वर देती हैं। मां सिंह की सवारी करती हैं जो धर्म का प्रतीक है। पुराण के अनुसार माता कूष्मांडा का ये स्वरूप देवी पार्वती के विवाह के बाद से लेकर कार्तिकेय के जन्म के बीच का है।इस रूप में देवी सम्पूर्ण सृष्टि को धारण करने वाली है।मान्यता है कि संतान की इच्छा रखने वालो भक्तो को भी मां की उपासना करनी चाहिए।इनकी उपासना से भक्तों के समस्त रोग शोक नष्ट हो जाते हैं। मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है।इसलिए मां दुर्गा का नाम कूष्मांडा पड़ा।माता को मॉल पुआ का भोग अत्यंत प्रिय है।इनकी भक्ति से मनुष्य को बल,आयु,यश और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।माता के चौथे स्वरूप का दर्शन करने के लिए माता शीतला के दरबार में सुबह से ही श्रद्धालुओ की अपार भीड़ उमड़ पड़ी थी।श्रद्धालुओं ने लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे और बारी आने पर माता के दरबार में पहुंचकर अपने और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना करते हुए माता के चरणों में शीश नवाया।प्रशासन की तरफ से क्राइम निरीक्षक अशोक दत्त त्रिपाठी, मा0का0 संध्या सिंह, सहित कई पुलिस के जवान मंदिर परिसर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से तैनात रहे।