आजमगढ़ हत्या के आधा दर्जन आरोपियों को कोर्ट ने सुनाया आजीवन कारावास की सजा
हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास तथा दस दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में छ आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर चार जैनेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने शनिवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी सत्यदेव चौहान पुत्र रामनवल चौहान निवासी चक मेऊवां थाना रानी की सराय 28 मई 2017 की रात लगभग आठ बजे अपने भाई सुदर्शन चौहान भतीजे राजीव चौहान ,गांव के मुनिराम चौहान आदि के साथ सोनवारा बाजार से घर वापस जा रहे थे। रास्ते में प्राइमरी स्कूल सिरसाल के पास जब पहुंचे तभी कोटे की दुकान की रंजिश को लेकर घात लगाकर बैठे राजेंद्र यादव ने बंदूक के बल पर रास्ता रोक लिया। राजेंद्र यादव के ललकारने पर एक दर्जन से अधिक लोगों ने वादी तथा उसके भाई सुदर्शन तथा अन्य लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग तथा लाठी डंडा से मारना शुरू कर दिया।इस हमले में बुरी तरह से घायल सुदर्शन तथा मुनिराम की मौत हो गई तथा राजीव, प्रवीण और वादी मुकदमा सत्यदेव बूरी तरह से घायल हो गए ।इस मामले में जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने 16 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया।जिसमे से चार आरोपियों के नाबालिग होने के कारण उनकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता निर्मल कुमार शर्मा ने वादी मुकदमा समेत कुल 14 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी शिव शंकर पुत्र लालजीत,राजेश यादव नाती रामजीत, बबलू यादव पुत्र महेंद्र, शिव शंकर पुत्र महेंद्र, संतोष यादव तथा अशोक यादव पुत्रगण बरसती को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में राजेंद्र यादव नगीना यादव अमरीश यादव जितेंद्र यादव, सोनू तथा महेंद्र को दोषमुक्त कर दिया।