भक्तो ने मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा का किया दर्शन पूजन
प्रेम प्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़। स्थानीय क्षेत्र के भैरोपुर कला गांव में मां शीतला का भव्य मंदिर स्थित है। सुबह से ही भक्तों ने मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा का दर्शन पूजन किया।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों को वध करने वाली कहा जाता है।ऐसा माना जाता है कि मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल तलवार और गदा रखा हुआ है।माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है।जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं।इस देवी के दस हाथ माने गए हैं और ये खड्ग आदि विभिन्न अस्त्र और शस्त्र से सुसज्जित हैं। इन्हें शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।माता चंद्रघंटा देवी का शरीर सोने की तरह चमकता प्रतीक होता है।ऐसी मान्यता है कि माता के घंटे की तेज भयानक ध्वनि से दानव और अत्याचारी राक्षस सभी बहुत डरते हैं।देवी चंद्रघंटा अपने भक्तों को अलौकिक सुख देने वाली हैं।माता चंद्रघंटा का वाहन सिंह है।यह हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने वाली मुद्रा में होती हैं। मां के गले में सफेद फूलों की माला रहती है। मां की कृपा से ऐश्वर्य और समृद्धि के साथ दाम्पत्य की प्राप्ति होती है और विवाह में आ रही समस्याएं दूर होती है। मां के तीसरे स्वरूप का दर्शन करने के लिए माता शीतला के दरबार में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ था।भक्त मां के दरबार में पहुंचकर माता को सिंदूर ,अक्षत,गंध ,धूप,पुष्प,नारियल, चुनरी अर्पित करते हुए अपनेऔर अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना करते हुए मां के चरणों में मत्था टेक कर पूजा अर्चना कर रहे थे। मंदिर का परिसर पूजा सामग्रियों और अन्य दुकानों से पटा था।मंदिर परिसर में प्रमोद गोंड और जे पी गुप्ता अपनी भक्ति गीतों से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दे रहे थे।प्रशासन की तरफ से उपनिरीक्षक रामप्रीत राम, का0 अमित यादव,अनूप,संतोष यादव म0 का0 संध्या सिंह, सोनल रस्तोगी मंदिर की सुरक्षा में मुस्तैद रहे।