आजमगढ़ अनसूचित जाति की महिला का अपहरण व हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
अनसूचित जाति की महिला का अपहरण व हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा पंद्रह हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।यह फैसला एससी एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सतीश चंद्र द्विवेदी ने सोमवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार 4 अप्रैल 2000 दिन में एक राहगीर ने संजरपुर बाजार के निकट मीरपुर में झाड़ी में एक महिला की लाश देखकर स्थानीय निजामाबाद थाने को सूचना दी। दूसरे दिन अखबार में छपी खबर को देखकर मृतका के पुत्र मुन्ना पुत्र फिरतू निवासी पंदहा थाना रानी की सराय में निजामाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई कि माता सोमारी देवी मुकदमे में पैरवी के लिए 3 अप्रैल को दीवानी कचहरी गई थी लेकिन घर वापस नहीं लौटी।विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि मृतका सोमारी से आरोपी मूलचंद उर्फ खुरुचन पुत्र बनारसी यादव निवासी पोही की सराय थाना निजामाबाद ने एक हजार रुपए उधार लिया था। जिसको मांगने पर मूलचंद ने उन्हें सोमारी देवी का अपहरण कर के हत्या कर दी। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद मूलचंद के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता आलोक त्रिपाठी तथा अभियोजन अधिकारी मानिक चंद यादव ने मुन्नालाल,सुनीता, शंकर, रामचेत, जितेंद्र डॉक्टर पी एन नाडर,हेड मुहर्रिर राजेंद्र प्रसाद वर्मा , थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार पाठक, हेड कांस्टेबल सूबेदार मिश्रा को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मूलचंद उर्फ खुरुचुन को आजीवन कारावास व पंद्रह हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।