गोरखपुर सड़क पर अतिक्रमण खामोश है सिस्टम
सड़कों और फुटपाथ पर अतिक्रमण का खेल काफी पुराना और जटिल है। शहरों को साफ सुथरा और सूव्यवस्थित करना नगर निगम और पुलिस की जिम्मेदारी है लेकिन दोनों विभागों की मिलीभगत और अनदेखी से शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गली गूचो तक अतिक्रमण है
एसपी ओझा
गोरखपुर। शासन के निर्देश के बावजूद अतिक्रमण के खिलाफ ट्रैफिक और थाना पुलिस मिलकर काम करें लेकिन थानेदार हो या चौकी इंचार्ज इनको सड़क पर कहीं भी जाम दिखता है तो जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की मान कर मुंह मोड़ लेते हैं शहर में सार्वजनिक स्थानों पर कहीं पार्किंग नहीं सड़क पर ही अवैध तरीके से वहां पर वाहन और ठेले खोमचे वाले दुकान लगाकर खड़े रहते हैं जिससे जाम लगा रहता है । गोरखपुर शहर की सड़कों पर अतिक्रमण के आगे पूरा सिस्टम खामोश बना हुआ है चाहे बरगदवा चौराहे से विकास नगर चौकी की तरफ जाने वाला मार्ग हो या सोनौली राजमार्ग अधिकांश स्थानों पर दुकानदारों द्वारा सड़कों पर खींची सफेद पट्टी तक सामान रखकर कब्जा कर लिया गया। थानों की पुलिस तो यहां कोई कार्रवाई करती नहीं ट्रैफिक पुलिस भी सप्ताह में एक या दो दिन अभियान के नाम पर खानापूर्ति ही करती रहती है। यह अतिक्रमण जाम का और भी बड़ा कारण बनता है सड़कें अतिक्रमण मुक्त होने के साथ स्वच्छ हो तो शहर के सूरत अपने आप बदल जाती है। मालूम हो कि सुबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को बरगदवा चौराहे की तरफ से फर्टिलाइजर कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए जाना था तो उस बीच पुलिस को फोर्स लेकर सड़कों पर उतरना पड़ा नतीजा यह रहा कि शहर की सकरी दिखने वाली सड़कें चौड़ी दिखने लगी और जाम की समस्या भी काफी कम हो गई थी। लेकिन उसके बाद पुलिस का अभियान ठंडे बस्ते में चला गया और समस्या जस की तस बनी रही।