आजमगढ़ दोहरे हत्याकांड में 5 आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
दोहरे हत्याकांड के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को इकतीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो रमेश चंद्र ने गुरुवार को सुनाया।अभियोजन कहानी के अनुसार महाराजगंज थाना क्षेत्र के करमहा डींगुरपुर गांव में 13 अगस्त 2002 को नाग पंचमी के दिन लगभग साढ़े ग्यारह बजे गांव के लोग कबड्डी खेल रहे थे। तभी पुरानी रंजिश को लेकर आपस में गांव के रमाकांत सिंह पुत्र जंग बहादुर,अशोक पुत्र तेज बहादुर, संत विजय सिंह पुत्र रमाकांत सिंह,सुनील पुत्र मंगला तथा अन्य पांच छ व्यक्ति अपने अपने हाथों में बंदूक व अन्य असलहों से लैस होकर वादिनी कैलाशी पत्नी रामजीत के घर पर धावा बोल दिए।हमलावरों ने कैलाशी की पति रामजीत उर्फ जित्तन प्रधान पर फायर कर दिया। इस फायरिंग में वहां पर मौजूद कुमारी मनीषा,खदेरन ,अनीता कतवारू,गुड्डी, कलावती तथा काशी घायल हो गई ।घायल रामजीत उर्फ जित्तन प्रधान तथा कुमारी मनीषा की उसी दिन इलाज के दौरान अस्पताल में मृत्यु हो गई। पुलिस से जांच पूरी करने के बाद ही 11 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया ।एक आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसके पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। दौरान मुकदमा आरोपी अशोक सिंह, जंग बहादुर, नंहकू सिंह,फतेह बहादुर सिंह तथा तेज बहादुर सिंह की मृत्यु हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से ए डी जी सी विक्रम सिंह पटेल तथा श्रीप्रकाश राय ने कैलाशी ,कतवारू,कपिल, रमेश राजभर, लालमन, अनीता ,गुड्डी ,डॉ बीएन चौबे, डॉक्टर आर के मल्ल, चीफ फार्मासिस्ट राजेंद्र प्रसाद, उप निरीक्षक कमलेश कुमार ,उप निरीक्षक वंश बहादुर ,उपनिरीक्षक हेमंत कुमार सिंह, कांस्टेबल बालचंद, उपनिरीक्षक शारदा प्रसाद त्रिपाठी तथा कांस्टेबल अशोक कुमार ने गवाही दी दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने रमाकांत सिंह संत विजय सिंह सुनील सिंह जसवंत सिंह तथा दिनेश सिंह को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को इकतीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।