आजमगढ़ चोरी के दौरान हत्या करने वाले पांच आरोपी को कोर्ट ने सुनाया आजीवन कारावास की सजा
चोरी के दौरान की गई हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने पांच आरोपियों को आजीवन कारावास तथा बीस बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 4 जैनेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने मंगलवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मनीष गोयल पुत्र ओम प्रकाश गोयल निवासी कटरा थाना कोतवाली की आसिफ गंज में स्वर्ण आभूषण की एक दुकान थी। इस दुकान की रखवाली के लिए चौथी राम राजभर निवासी कटघर थाना सिधारी को नियुक्त किया गया था। वादी मनीष 11 मार्च 2006 की देर शाम दुकान बंद करके घर चले गए।दूसरे दिन सुबह 12मार्च को वादी दुकान खोलने के लिए आए तब देखा कि दुकान का शटर खुला हुआ है ,अंदर कमरे में चौथी राम मृत पड़ा हुआ है।स्ट्रॉन्ग रूम का ताला तोड़कर लाखों रुपए के जेवरात चोरी कर लिए गए। इस घटना के एक साल बाद उसी आसिफगंज स्थित सर्राफा बाजार में होली की रात एक अन्य स्वर्ण व्यवसायी की दुकान से लाखों रुपए के जेवर चोरी हो गए।चोरी की इस घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने 8 मार्च 2007को जवाहर गुप्ता पुत्र राम नारायण गुप्ता निवासी कोलघाट, राघवेंद्र सेठ पुत्र सत्यनारायण सेठ मुहल्ला सीताराम, रमेश सिंह पुत्र विद्या प्रसाद निवासी एलवल,चंद्र भूषण पुत्र पारस नाथ निवासी कालीन गंज थाना कोतवाली, जिया लाल पुत्र मेढू निवासी कुल देव चंदपट्टी थाना कंधरापुर को गिरफ्तार किया इन्हीं की निशानदेही पर 12 मार्च को शहर के विभिन्न जगहों से लाखों रुपए के आभूषण बरामद किए गए।पकड़े गए बताया कि एक वर्ष पूर्व मनीष गोयल की दुकान पर चौकीदार की हत्या कर के हूं लोगो ने लाखों रुपए के जेवर चुराए थे। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी पांचों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया।अभियोजन पक्ष की तरफ से एडीजीसी निर्मल कुमार शर्मा ने वादी मनीष गोयल, पद्माकर लाल वर्मा उर्फ घुट्टूर सेठ, तेज बहादुर उर्फ लुद्दूर सेठ ,प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र कुमार सिंह ,लाल बली यादव ,सब इंस्पेक्टर फाजिल सिद्धकी, संजय उपाध्याय,इंस्पेक्टर मधुप कुमार सिंह, डॉक्टर टीवी प्रसाद तथा श्यामसुंदर मिश्र को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया।दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी जवाहर गुप्ता, राघवेंद्र सेठ, रमेश सिंह, जियालाल तथा चंद्रभूषण को आजीवन कारावास तथा बीस बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।