गोरखपुर पुलिस ने जिस लूट को फर्जी बताया उसी केस का एसटीएफ ने किया खुलासा, तीन बदमाश गिरफ्तार
एसपी ओझा
गोरखपुर।सोनौली रोड पर मानीराम क्रॉसिंग के पास 24 नवम्बर 2022 की रात में भैरहवा नेपाल के मोबाइल कारोबारियों के दो कर्मचारियों के साथ 60 लाख रुपये की हुई जिस लूट को चिलुआताल पुलिस ने फर्जी मान लिया था अब उसी लूट का एसटीएफ ने खुलासा कर दिया है।
लखनऊ एसटीएफ की टीम ने लूट में शामिल तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर मंगलवार की देर रात उन्हें रामगढ़ताल थाने में दाखिल किया है। पूछताछ में पता चला कि पांच बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिया था। उन्हें पता था कि यह हवाला का पैसा है, लूट के बाद पुलिस में इसकी शिकायत नहीं होगी। लूट में शामिल दो अन्य बदमाश अभी फरार हैं। नेपाल के भैरहवां बैंक रोड निवासी व चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज भैरहवा के अध्यक्ष तथा मोबाइल गुड्स कारोबारी पिंटू उर्फ हरीश सेठिया के दो कर्मचारी नौतनवा निवासी चंदन वर्मा और गुड्डू खां 24 नवम्बर को पैसा वसूली करने नेपाल से गोरखपुर आए थे। यहां से 60 लाख रुपये लेकर कार से वे भैरहवा लौट रहे थे। गोरखपुर-सोनौली रोड पर चिलुआताल क्षेत्र के मानीराम ओवरब्रिज के पास रात करीब साढ़े दस बजे कार सवार बदमाशों ने उनकी कार को ओवरटेक कर रोक लिया था। तमंचे के बल पर रुपये से भरा बैग लूटकर फरार हो गए थे। कर्मचारियों ने लूट की सूचना पुलिस को दी।
मौके पर पहुंचे चिलुआताल के तत्कालीन थानेदार विनय कुमार सरोज ने बदमाशों को पकड़ने की जगह लूट की घटना को ही खारिज करना शुरू दिया। इंस्पेक्टर ने कर्मचारियों पर दबाव बनाना शुरू किया यह लूट नहीं गबन का मामला है। हालांकि कर्मचारी अपनी बात पर अडिग रहे उसके बाद इंस्पेक्टर ने पूछताछ के लिए नेपाल के व्यापारी पिंटू को गोरखपुर बुलाया। पिंटू ने भी जब लूट की बात कही और लूटी गई रकम की पुष्टि की तो उसके बाद पुलिस ने हवाला का पैसा होने की बात कहते हुए पिंटू के साथ भी दुर्व्यवहार किया।
तत्कालीन थानेदार सरोज किसी भी तरह से लूट की घटना को फर्जी साबित करने में जुटे रहे। हालांकि इस मामले में पुलिस की जब काफी किरकिरी होने लगी तो चिलुआताल पुलिस ने अफसरों के दबाव में चार लाख की लूट का केस दर्ज किया था। उधर, इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से भी हुई थी। जिसके बाद लखनऊ एसटीएफ को गोपनीय तरीके से लगाया गया था।
मनोज उर्फ टमाटर ने साथियों के साथ की थी लूट एसटीएफ ने जब जांच शुरू की तो मनोज उर्फ टमाटर का नाम सामने आया। चिलुआताल इलाके के रहने वाले टमाटर ने पहले भी इस तरह की लूट की घटना को अंजाम दिया था। एसटीएफ लखनऊ की टीम ने टमाटर को उठाया और पूछताछ के बाद लूट में शामिल चार अन्य बदमाशों की जानकारी हुई। पता चला कि लूट में गुलरिहा इलाके के योगेन्द्र उर्फ पन्नेलाल, नौतनवा महराजगंज का दीपक जायसवला व गोरखनाथ तथा चिलुआताल के दो अन्य बदमाश शामिल थे। एसटीएफ ने मनोज उर्फ टमाटर, योगेन्द्र और दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। उनके दो अन्य साथियों की तलाश जारी रही है। पूछताछ में पता चला है कि दीपक जायसवाल ने मुखबिरी की थी। बदले में उसे आठ लाख रुपये मिला था। जिससे उसने एक कार खरीद ली थी। वहीं पन्नेलाल की कार को लूट में इस्तेमाल किया गया था। उसको 10 लाख रुपये मिले थे।
सीसीटीवी फुटेज तक डिलीट करने की बात आई सामने लूट की घटना को फर्जी साबित करने के लिए तत्कालीन थानेदार पर सीसीटीवी फुटेज तक डिलीट करने का आरोप लगा था। बताया गया था जहां घटना हुई थी वहां की सीसीटीवी में इस तरह की घटना कैद ही नहीं पाई गई। थानेदार के फुटेज वाले दावे के बाद कोई भी कुछ बोल नहीं पा रहा था। लूट की वारदात में पन्नेलाल कार से था जबकि अन्य बदमाश बाइक से थे।
कई वारदात में शामिल रह चुका है टमाटर
मनोज उर्फ टमाटर लूट की कई वारदात में शामिल रह चुका है।
मानीराम क्रासिंग पर ही नौतनवा के एक व्यापारी को 31 दिसम्बर 2022 को गोली मारकर लूटने की घटना में शामिल दस बदमाशों में एक टमाटर भी था। इसका खुलासा 31 जनवरी 2021 को हुआ था। फिर 4 अप्रैल 2022 को रुस्तमपुर के रहने वाले शैलेंद्र मिश्र को भी बाइक सवार टमाटर और उसके साथियों ने उनके घर के पास ही लूट लिया था। शैलेंद्र अपने कुछ जानने वालों से 4.60 लाख रुपए उधार लेकर बलदेव प्लाजा से अपने घर रुस्तमपुर जा रहे थे। टमाटर के खिलाफ चिलुआताल, गोरखनाथ, रामगढ़ताल और कैंट में करीब दस मुकदमे लूट, डकैती, हत्या का प्रयास सहित अन्य संगीन धाराओं में दर्ज हैं।
टमाटर ने रामगढ़ताल में 32 लाख लूटा था
रामगढ़ताल क्षेत्र में सरिया व्यापारी के मुनीम से भी टमाटर व उसके साथी ने 32 लाख की लूट की थी। उस समय रामगढ़ ताल पुलिस ने लूट को फर्जी बताया था। व्यापारी ने मुनीम पर ही पैसा हड़पने का आरोप लगाते हुए उसकी जमीन रजिस्ट्री करा ली थी।
एसटीएफ ने जिस तरह से इस लूट का खुलासा किया है उसके बाद पुलिस पर सवाल उठने लगा है ।वहीं अफसरों के मानिटरिंग पर भी बड़ा सवाल उठ सकता है।
हवाला के पैसे पर टार्गेट करता है टमाटर गैंग
जिन बदमाशों के गैंग ने घटना को अंजाम दिया है उन्होंने पहले भी लूट की कई वारदातें की हैं। यह ऐसा गैंग है जो हवाला के पैसे को टार्गेट करता है। नेपाल के व्यापारी के कर्मचारियों से हुई लूट को भी इस गैंग ने हवाला की रकम मान कर हाथ डाला था। उन्हें पता था कि हवाला का पैसा होने की वजह से व्यापारी इसकी शिकायत पुलिस में नहीं करेगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। व्यापारी और कर्मचारियों ने तो पुलिस में शिकायत की लेकिन पुलिस ही शिकायत को अनसुनी करती रही। मुकदमा भी दर्ज किया तो बेमन से।