कलेक्टेड अधिवक्ता 15 जून तक न्यायिक कार्यों से रहेंगे विरत मोवक्किल हो रहे हलकान
दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान
अन्य न्यायालयों में बार बार प्रस्ताव देकर अपने दायित्वों का निर्वहन ना करना आदत
गोरखपुर। कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन बार-बार न्यायालयों में प्रस्ताव देकर न्यायिक कार्यों से विरत रहने का अनुरोध करते हैं कभी प्रचंड गर्मी कभी भीषण बरसात कभी भयंकर ठंडी कभी अन्य कारण बताकर अपने दायित्वों का निर्वहन ना करने का आना कानी करते रहते हैं जिससे मोक्किल अपने मुकदमों की पैरवी करने के लिए न्यायालय परिसर में आकर चक्कर लगाकर धर वापस चला जाता जो मुकदमा 6 महीने में खत्म होता वह मुकदमा 4 साल में नहीं खत्म हो पाता मुकदमों का न्याय सगत निस्तारित करने के लिए कारगर कदम उठाना चाहिए जिससे मोवक्किलो को बार-बार न्यायालयों का बेवजह चक्कर न लगाना पड़े। आय दिन देखा जाता है की मोक्क्किल किराया भाड़ा खर्च करके आता है न्यायालय परिसर में आने के बाद पता चलता है कि प्रचंड गर्मी के वजह से अधिवक्तागण अपने न्यायिक कार्यो से विरत रहने के लिए न्यायालय में पत्रक भेज दिए हैं अगर अधिवक्ता गण को न्यायिक कार्य से विरत ही रहना था तो जून महीने में अपने वादकारी का तारीख क्यों लेते हैं न्यायिक कार्यो से विरत ही रहना है तो अपने मोक्कीलो को फोन कर बता दे आज न्यायालय ना आए लेकिन ऐसा नहीं करेंगे अपने निर्धारित समय पर अपने तख्ते पर आकर बैठ जाएंगे ना आने वाले मोवक्किल को फोन कर बताएंगे कि आज आपका तारीख था आप आए नहीं उससे पहले कुछ नहीं बताएंगे जब मोवक्किल तख्ते पर आ जाएगा तब उससे बताएंगे कि प्रस्ताव आ गया आज डेट पड़ गया लाइए फीस जमा करिए गरीब मोवक्किल परेशान होकर गाड़ी का किराया भाड़ा लगाकर किसी तरह न्यायालय में अपना मुकदमा देखने के लिए अपने अधिवक्तागण के तख्ते पर पहुंचता है वहां आने के बाद जानकारी होता है कि आज भयंकर गर्मी की वजह से अधिवक्ता गण न्यायिक कार्यो से विरत रहने के लिए प्रस्ताव भेज दिए हैं कोट नहीं चलेगा मोवक्किल हलकान परेशान होकर कोट पहुंचता है और उसका मुकदमा नहीं देखा जाता है तो उसके दिल से पूछिए अधिवक्ताओं को अपने मोवक्किलो के मुकदमों का पैरवी ईमानदारी से करना चाहिए ना कि बार-बार किसी न किसी बहाने न्यायालयों में प्रस्ताव भेजना चाहिए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष मंत्री कोषाध्यक्ष अपना कार्य नही करना चाह रहे हैं तो बाकी अधिवक्तागणों को अपने दायित्वों का ध्यान में रखते हुए अपने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने मोवक्किलो का मुकदमा देखना चाहिए जिससे जल्द से जल्द मुकदमों का निस्तारण हो सके।एक वकील का कर्तव्य है कि वह निर्भीक होकर अपने मुवक्किल के हितों को निष्पक्ष और सम्मानजनक तरीकों से बनाए रखे। एक अधिवक्ता स्वयं या किसी अन्य के लिए किसी भी अप्रिय परिणाम की परवाह किए बिना ऐसा करेगा। वह किसी अपराध में आरोपी व्यक्ति के प्रति अपनी व्यक्तिगत राय की परवाह किए बिना, उसके हितों की रक्षा करेगा लेकिन ऐसा नहीं करेंगे।
एसोसिएशन अध्यक्ष के अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि 8 जून से 15 जून 2023 तक अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से विरत रहेंगे क्योंकि जून माह में प्रचंड गर्मी और लू के कारण अधिवक्तागण वादकारी की उपस्थिति ना के बराबर रह रही है इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया अधिवक्ता गणों ने यह हवाला दिया कि जून माह में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, मा० उच्च न्यायालय लखनऊ खण्डपीठ लखनऊ बोर्ड आफ रिवेन्यू लखनऊ एवं इलाहाबाद तथा समस्त दीवानी न्यायालय एवं उसकी अधीनस्थ न्यायालयो मे ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित रहता है जिसके कारण अधिकांश अधिवक्तागण व्यक्तिगत कारणो से न्यायालय से बाहर छुट्टियो पर रहते है। अधिवक्ता गणों ने अपने पत्र में लिखा कि जून माह में नये वाद, कायमी, अपील रिवीजन का दाखिला यथावत रखते हुए, न्यायिक कार्य स्थगित किया जाना सुनिश्चित कराया जाय। जो कि ऐसा नहीं है की अधिवक्ता काम नहीं करते दीवानी न्यायालय में अधिवक्तागण अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए आए हुए मोवक्किल का मुकदमा जाकर न्यायालय में देखते हैं और कलेक्टेड और कमिश्नरी के अधिवक्ता आकर अपने तख्ते पर बैठ कर मोक्किलो से फीस जमा कराकर तारीख दे कर वापस धर मोक्किल को भेज देते।