आजमगढ़ चुनावी रंजिश में हुई हत्या के मुकदमे में अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
18 वर्ष पूर्व प्रधानी के चुनावी रंजिश में हुई हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को सत्ताइस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में तीन आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक सतीश चंद्र द्विवेदी ने सोमवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार महाराजगंज थाना क्षेत्र के जमीलपुर गांव के हरिराम यादव पुत्र रूपई यादव की गांव के रमेश सिंह पुत्र रवींद्र सिंह से ग्राम प्रधान के चुनाव की रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश के कारण 25 जनवरी 2005 की शाम लगभग चार बजे हरिराम के घर के पीछे हरिराम के लड़के सुनील कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या में मृतक सुनील कुमार के पिता हरिराम ने रमेश सिंह, राकेश सिंह तथा रणविजय सिंह पुत्रगण रवींद्र सिंह तथा संतोष सिंह पुत्र सुधीर सिंह तथा संतोष सिंह पुत्र केदार सिंह निवासी ग्राम जमीलपुर के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस तथा सी बी सी आई डी ने जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया।अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता जगदंबा पांडेय तथा निर्मल शर्मा ने वादी हरिराम, शिव कुमार यादव ,प्रमोद यादव, इंस्पेक्टर सीबीसीआईडी विनोद कुमार सिंह, इंस्पेक्टर सुरेश मिश्रा ,डॉ रामप्रकाश तथा कांस्टेबल सुखराम यादव को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने संतोष सिंह पुत्र सुधीर सिंह तथा संतोष सिंह पुत्र केदार सिंह को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को सत्ताइस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई जबकि आरोपी रमेश सिंह, राकेश सिंह तथा रणविजय सिंह को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।