बलिया NDRF ने बाढ से निपटने के तरीको का किया अभ्यास,आम लोगों को दी बचाव की जानकारी
Vikas singh,Ballia
नदियों में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन अभी से अलर्ट मोड पर आ गया है। जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार के निर्देश पर गुरूवार को गंगा नदी के उजियार घाट पर बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ के जवानों ने मॉक ड्रिल किया। इसमें बाढ से दौरान किसी के डूबने पर बचाव कार्य तथा पानी से घिरे गांवों से लोगों को निकालने का अभ्यास किया गया। इसके अलावा वहां आयोजत गोष्ठी में बाढ़ प्रभावित इलाकों में दवा वितरण या कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने से लेकर लोगों के स्वास्थ्य व पशुओं का भी ख्याल रखने के तरीकों के बारे में बताया गया।
जिला आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह ने बाढ़ के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसके बारे में लोगों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि बाढ़ में किसी प्रकार की घटना होने के बाद किस तरह तत्परता से कार्यवाही करनी है। इस मॉक ड्रिल में सुबह 9 बजे इमरजेंसी आपरेशन सेंटर (ईओसी) को उजियार में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने व गांव के मैरूण्ड (चारों तरफ से पानी से घिरा होना) की सूचना मिलती है। इस पर तत्काल एडीएम व एसडीएम सदर के अलावा वायरलेस से पुलिस कन्ट्रोल रूम को सूचित किया गया। एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, विकास, पशुपालन विभाग के अधिकारियों को फोन किया गया। एनडीआरएफ टीम भी तत्परता से कैंप से निकलकर घटनास्थल तक पहुंचती है और 9:25 बजे तक, यानि 25 मिनट के अन्दर बाढ में फंसे व्यक्तियों को बाहर निकालकर बाढ राहत केंद्र तक लाती है। इसके अलावा मॉक ड्रिल में डूबते व्यक्ति को कैसे बचाया जाए, इसका भी अभ्यास कर लोगों को दिखाया गया। इस अभ्यास में आपदा मित्र धर्मेंद्र कुमार ने नदी के बीच लगभग आधे घंटे तक सोये रहने का करतब दिखाया, जिसकी सराहना वहाँ मौजूद हर किसी ने की। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को एंबुलेंस से ग्रीन कॉरीडोर बनाकर सीएचसी तक ले जाना, गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव कराया जाना, डूबे व्यक्ति की शव की तलाश करना, पशुओं को सुरक्षित पशु शिविर तक ले जाना तथा उनका उपचार कराने का भी अभ्यास किया गया।