ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे निजामाबाद की सड़को की हालत खस्ताहाल
निजामाबाद आजमगढ़। ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे ऐतिहासिक कस्बा निजामाबाद तक पहुंचने वाले मार्ग की दशा काफी खस्ताहाल और कस्बे के अंदर की सड़के भी काफी खराब है।कहने को तो यह ऐतिहासिक कस्बा है और आदर्श नगर पंचायत है। यहां सिक्खों का ऐतिहासिक गुरुद्वारा है जहां पर स्वयं गुरुनानक देव जी ने तप किये थे और एक कायस्य परिवार के मृत व्यक्ति को जिंदा कर दिए थे।गुरुनानक देव जी का खड़ाऊ आज भी गुरुद्वारे में रखा हुआ है। यहां पर शक्तिपीठ माता शीतला का पवित्र मंदिर है जहां पर पूरे वर्ष भर श्रद्धालु माता का दर्शन करने आते रहते हैं और सावन महीने भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।कहते है कि माता शीतला गौरा की अवतार हैं यहां मांगी हुई हर मुराद पूरी होती है। यहां पर ऐतिहासिक पुरातन दत्तात्रेय का पवित्र मंदिर है।हिंदी के कवि, निबंधकार और संपादक अयोध्या सिंह उपाध्याय और साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन यही के थे।शाहगोला दीवान की मजार यही पर है जिसके विषय में कहा जाता है कि उत्तरप्रदेश के पूर्व राज्यपाल सूरजभान को कोई औलाद नहीं थी उन्होंने यही मन्नत मांगी और औलाद होने पर चादर चढ़ाने आए थे।उन्होंने ही वहां तक रास्ता बनवाए।औरंगजेव द्वारा निर्मित करवाई गई शाही मस्जिद भी यही है जिसमे तीन शुतुरमुर्ग के अंडे रखे हुए थे मगर एक बचा है।निजामाबाद कस्बे के मिट्टी के बर्तन देश ही नही विदेशों में भी विश्व प्रसिद्ध है। यहां विदेशों से भी लोग आते रहते हैं।इतनी धरोहरों और आदर्श नगर पंचायत होने के बाद भी यहां की सड़को की खस्ता हाल विकास की पोल खोल दे रही हैं।माता शीतला के दरबार तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पानी और कीचड़ में होकर जाना पड़ता है।कस्बे में पहुंचने के लिए बिजली आफिस और यूनियन बैंक तक पहुंचने के लिए लोग पानी में चलकर जा रहे हैं। नालियों की दशा भी दयनीय है।ऐसा है निजामाबाद आदर्श नगर पंचायत।