बारूद के ढेर पर बैठे निजामाबाद को क्षेत्राधिकारी ने बचाया
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निजामाबाद आजमगढ़।निजामाबाद के अमन चमन को किसी की नजर लग गई।जिस निजामाबाद की तहजीब की लोग मिशाल दिया करते थे उस निजामाबाद में लगभग एक महीने में तीन बार हिंदू मुस्लिम विवाद हो जाए समझ से परे है।निजामाबाद में या तो प्रशासन की लापरवाही हुई या फिर मनबढ़ हाबी है।जो भी है मगर कल की घटना को समय पर पहुंचकर क्षेत्राधिकारी गोपाल स्वरूप वाजपेई ने बुद्धिमत्ता पूर्ण कदम उठाते हुए अपनी गाड़ी से घायलों को अस्पताल पहुचवाए और भारी फोर्स मंगाकर आक्रोशित लोगों को करवाई का भरोसा दिलवाए,तब जाकर अक्रोशित भीड़ के लोग शांत हुए वरना निजामाबाद बारूद के ढेर पर बैठा था कहा नहीं जा सकता क्या होता।यह तो प्रशासन की घोर लापरवाही कही जायेगी की मुहर्रम का महीना चल रहा है इमामाबाड़े में शिया समुदाय की मजलिस चल रही थी और प्रशासन के लोग नदारद रहे अगर वहां प्रशासन के लोग मौजूद रहते तो वहां किसी प्रकार का विवाद नही होता।यह तो घोर गुंडागर्दी एक जाति विशेष के लोगों की है जब अमित सोनकर पुत्र महेश सोनकर संतोष सोनकर पुत्र फूलचंद सोनकर शुभम सोनकर पुत्र पप्पू सोनकर मुहल्ला तिग्गीपुर शनिवार की रात लगभग 9 बजे आम बेचकर अपने घर आ रहे थे तो तेलीपुर इमामबाड़े के पास लगभग 25 की संख्या में एक जाति विशेष के लोगों द्वारा रोककर बुरी तरह पीटना जिसमे तीनो की हालत बेहद गंभीर है।यह गुंडागर्दी नहीं है तो फिर क्या है।इस पर प्रशासन के लोगों को गहन मंथन करना पड़ेगा।यह तो क्षेत्राधिकारी की जितनी प्रशंसा की जाय कम है।क्योंकि उन्होंने समय पर पहुंचकर हालात पर काबू पाए।मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र लाल,क्षेत्राधिकारी गोपालस्वरूप वाजपेई,दो एस ओ जी की टीम,रानी की सराय,गंभीरपुर सहित कई थानों के प्रभारी भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाले और रात भर द बीस देते रहे।तब जाकर स्थिति संभली मगर तनाव बना हुआ है।