श्री राम कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने पूरी ताकत झोकी और भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़। श्री राम कथा के अंतिम दिन राम कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं ने हिमांशी वाटिका में पूरी ताकत झोंक दी।अयोध्या के कथा वाचक श्री श्री 108 गणेश दास जी महाराज ने कहा कि राम हमारे आदर्श थे।हमे गर्व है कि हमारा जन्म सनातन धर्म में हुआ।हमे गर्व है कि हम हिंदू हैं यह राष्ट्र हिंदू है।यह राष्ट्र हिंदू रहेगा।सनातन धर्म का कोई कुछ नही बिगाड़ सकता।हम जाति वादि में बिखरे हुए है पहले हम हिंदू है।जब जब हिंदू बटा हैं तब तब कटा है।इसलिए एक हो जाओ।जब जब हिंदू जुटा है तब तब बढ़ा है।जाति के लिए क्या लड़ रहे हो।ब्राह्मण लड़ रहे हैं राजपूत लड़ रहे है यादव लड़ रहे यह जातियां तो कमरे हैं।लड़ना ही है तो सनातन धर्म के लिए लड़ो।क्योंकि सनातन तो मकान है।हिंदुओं तुम कमरे के लिए लड़ोगे तो मकान की रक्षा कौन करेगा।महाराज जी ने राम कथा में अंतिम दिन राम को राजा राम का राज्याभिषेक करवाया गया और फिर आरती हुई।उसके बाद विशाल भंडारे में करीब दस हजार लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।