निजामाबाद में प्रशासन की कड़ी चौकसी के बीच मना चेहल्लुम
प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़।निजामाबाद में गमगीन माहौल और प्रशासन के भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मना ऐतिहासिक चेहल्लुम।आप को बता दे कि शिया समुदाय के प्रमुख त्यौहार मुहर्रम के दूसरे ही दिन 22 जुलाई को निजामाबाद के ऐतिहासिक कस्बे में तिग्गीपुर स्थित दरवारे जेहरा बारगाह के पास दो संप्रदाय के बीच विवाद हो गया था।जिसमे प्रशासन को स्थिति संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसलिए आज चेहल्लुम के दिन दरवारे जेहरा बारगाह के पास प्रशासन की काफी उपस्थिति रही और प्रशासन के लोग बारीकी से लोगों पर निगाह लगाए रहे और जुलूस के साथ साथ रहे।कस्बे के तिग्गीपुर स्थित दरवारे जेहरा बारगाहमें आज शिया समुदाय के लोगों ने गमगीन और नम आंखों के साथ चेहल्लुम का त्यौहार मनाया। दरबारे जेहरा बारगाह में आयोजक अंजुमन मोइनुल रजा,हाजी अली मंजर ने 1 बजे मजलिस शुरू हुई जिसमे सोज ख्वानी हुई व अंजुमन मोइनुल रजा ने मजलिस को संबोधित करते हुए चेहल्लुम क्यों मनाया जाता है,और कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों की शहादत का जिक्र किया तो लोग दहाड़े मार कर रोने लगे।मजलिस की समाप्ति पर इमामबाड़े से फूलों से लदी ऐतिहासिक तुरबत निकाली,उसके बाद तुरबत से मन्नती नींबू प्राप्त करने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों ने अमन चैन, वा अपनी मन्नते मांगी। इसके बाद रात को रखे गए ताजिया उठाया गया जो जुलूस की शक्ल में दरवारे जेहरा से होकर,थाना मोड़ होते हुए कर्बला पर जाकर समाप्त हुआ।जहां पर ताजिया वा तुरबत को भारी भीड़ ने आसुओं से भरी आंखों से सुपुर्दे खाक किया।इस अवसर पर सुरक्षा के दृष्टिगत प्रशासन के काफी लोग रहे।थाना प्रभारी सच्चिदानंद यादव जुलूस के आगे आगे चल रहे थे और प्रशासन के लोग पीछे पीछे चल रहे थे।