गुनाहों से तौबा की रात शब–ए–बारात
शुभम दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़ । निजामाबाद के सह गोला दीवान पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रात भर मांगी दुआएं। शब–ए–बारात मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए इबादत और फजीलत की रात होती है। मुस्लिम समुदाय में यह त्यौहार बेहद खास माना जाता है ऐसा कहा जाता है क्योंकि इस दिन अल्लाह की रहमत बरसती है शब–ए–बारात को पाक रात माना जाता है और इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत करते हैं साथ ही उनसे हुए गुनाहों की माफी मांगते हैं। आपको बता दें कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस रात अल्लाह को याद करते हैं और उनसे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस रात दुआ और माफी दोनों ही अल्लाह मंजूर करते हैं और गुनाह से पाक कर देते हैं। इस बार शबे बारात शुक्रवार यानी जुम्मे की रात को पड़ने के कारण मुस्लिम संप्रदाय के लोगों में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया था।