आजमगढ़ हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत में तीन आरोपियों को तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई
गैरइरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत में तीन आरोपियों को तीनतीन वर्ष के कठोर कारावास तथा 20-20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि इसी मुकदमे के क्रास केस मारपीट के मुकदमे में भी तीन आरोपियों को तीन तीन वर्ष के कारावास तथा जुर्माने की सजा सुनाई।यह फैसला अपारशत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 7 रमेश चंद्र ने गुरुवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार कंधरापुर थाना क्षेत्र के गौरी नारायनपुर गांव में खलिहान के विवाद को लेकर 7 मार्च 2005 की शाम 6 बजे वादी मुकदमा परमहंस के भाई लालजी को संतोष पुत्र बनवारी,राजेश पुत्र सुंदर, राधेश्याम पुत्र दुर्बल्ली तथा एक नाबालिक किशोर ने लाठी डंडे से बुरी तरह से मारा पीटा 2 दिन बाद इलाज के दौरान लाल जी की अस्पताल में मृत्यु हो गई पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। नाबालिक किशोर की पत्रावली जो नई रिपोर्ट भेज दी गई अभियान अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता गोपाल पांडे ने वादी मुकदमा परमहंस समेत कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया दोनों पक्षों के डारिनों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी संतोष राधेश्याम तथा राजेश को तीन तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। इसी मुकदमे के क्रॉस केस में वादी मुकदमा राजेश राम ने परमहंस पुत्र धमई, गौरव पुत्र लालजी, रामफेर व रामकरन पुत्रगण महंगी के के विरुद्ध घर में घुस कर मारपीट तथा जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। दौरान मुकदमा आरोपी गौरव की मृत्यु हो गई। इस मुकदमे में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी परमहंस, रामफेर तथा रामकरनको तीन-तीन वर्ष के कारावास तथा प्रत्येक को साढ़े चार हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।