उपजिलाधिकारी निजामाबाद की दरियादिली फिर दिखी बेड़ियों में कैद व्यक्ति को आजाद कराए
शुभम दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़। उपजिलाधिकारी संत रंजन की दरियादिली फिर दिखी।मानसिक रूप से रोगी व्यक्ति जो वर्षो से बेड़ियों में कैद था उसे बेड़ियों से आजाद कराकर उसे दवा आदि की व्यवस्था करवाकर एक नया जीवन जीने का मौका दिए।निजामाबाद उपजिलाधिकारी संत रंजन मुड़ियार गांव में भ्रमण पर थे कि उनके संज्ञान में आया कि मुडियार गांव का एक व्यक्ति आलम पुत्र बदरुद्दीन जो कई वर्षो से मानसिक रूप से कमजोर और बीमार रहता है।उसके पिता बदरुद्दीन और भाई सलाम शाहिद ने अपने भाई आलम के हाथों में बेड़ियों लगाकर ताला बंद कर दिए थे जिससे वह व्यक्ति असहाय होकर अपने आजादी के लिए तड़प रहा था।मगर वह कहावत चरितार्थ हो गई जिसका कोई नही होता उसका भगवान होता है।भगवान ने उस निरीह मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति की पुकार सुनी और गरीबों और निरीह लोगों के मसीहा के रूप में उपजिलाधिकारी संत रंजन को उसकी मदद के लिए भेजे।उपजिलाधिकारी संत रंजन तुरंत पहुंचकर आलम के पिता बदरुद्दीन और भाई सलाम शाहिद को बुलाकर आलम की बेड़ियों को कटवाकर उसको आजाद करवाएं और जिला विकलांग कल्याण अधिकारी को बुलाकर उसकी पेंशन और इलाज की व्यवस्था करवाएं।क्षेत्र में उपजिलाधिकारी संत रंजन की इस दरियादिली के लिए तरह तरह की चर्चा है।