आजमगढ़ विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसावे के मुकदमे में अदालत ने आरोपी पति को चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई
विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसावे के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पति को चार वर्ष के सश्रम कारावास कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 5 संतोष कुमार यादव ने बुधवार को सुनाया।अभियोजन पक्ष के अनुसार राधिका देवी निवासी ग्राम तमौली थाना रानी की सराय की पुत्री निशा की शादी 10 मई 2001 को योगेंद्र यादव पुत्र गिरधारी यादव निवासी खैरा थाना रानी की सराय के साथ हुई थी। शादी के बाद दहेज की मांग को लेकर ससुराल में निशा का उत्पीड़न होने लगा। ससुराल में 22 मार्च 2005 को निशा को जला दिया गया। जिसके चलते 24 मार्च को निशा की अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपी पति योगेंद्र के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया। इस मामले में सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह ने नौ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति योगेंद्र यादव को पांच वर्ष के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।