माता दुर्गा के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी के दर्शन की रही धूम
शुभम दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़।स्थानीय क्षेत्र के भैरोपुर कला गांव में मां शीतला का भव्य मंदिर स्थित है।नवरात्रि के छठे दिन भक्तों ने मां दुर्गा के छठवें स्वरूप माता कात्यायनी का दर्शन पूजन किए।मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से शादी में आ रही सभी बाधाये दूर हो जाती हैं और भगवान बृहस्पति प्रसन्न होकर विवाह का योग बना देते हैं।यह भी माना जाता है कि अगर सच्चे मन से मां की पूजा की जाय तो वैवाहिक जीवन में सुख शांति भी बनी रहती है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता कात्यायनी की पूजा अर्चना से भक्त को अपने आप आज्ञा चक्र जागृति की सिद्धियां मिल जाती हैं साथ ही वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से मुक्त हो जाता है।भक्तो के मां कात्यायनी की उपासना से रोग शोक,संताप और भय नष्ट हो जाते हैं।मान्यता है कि महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था।इसलिए उन्हें कात्यायनी कहा जाता है।कहते है कि मां कात्यायनी ने ही अत्याचारी राक्षस महिसासुर का वध तीनो लोकों को उसके आतंक से मुक्त कराया था।महिषासुर और शुंभ निशुंभ दानव का वध माता ने ही किया था। मां को महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है। मां कात्यायनी का स्वरूप बेहद ही अलौकिक और भव्य है।इनकी चार भुजाएं है। मां कात्यायनी के दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाला वर मुद्रा में बाई तरफ ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है। मां कात्यायनी सिंह की सवारी करती हैं। मां के स्वरूप का दर्शन करने के लिए माता शीतला के दरबार में सुबह से ही भक्तो का तांता लगा हुआ था।भक्त मां के दरबार में पहुंचकर अपने और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना करते हुए मां के चरणों में माथा टेक कर पूजा अर्चना कर रहे थे।इस मंदिर से श्रद्धालुओ की अपार श्रद्धा जुड़ी हुई है।इसीलिए श्रद्धालु काफी दूर दूर से वहां पहुंचकर मां का दर्शन करते हैं और मुराद मांगते है।कहते है कि यहां मांगी हुई हर मुराद मां पूरी करती है।प्रशासन की तरफ से वरिष्ठ उपनिरीक्षक सविंद्र राय,उपनिरीक्षक शुभम त्रिपाठी,उपनिरीक्षक उमेश सिंह,अशोक चौबे म0 उपनिरीक्षक सानिया वर्मा,का0 मुलायम यादव,राकेश तिवारी,कृष्ण चंदआदि लोग सुरक्षा में तैनात दिखे।