आजमगढ़ अवैध चाकू रखने के 15 साल पुराने मुकदमे में अदालत ने दो आरोपियों को सजा सुनाई
अवैध चाकू रखने के 15 साल पुराने मुकदमे में तथा न्यायालय के आदेश के बावजूद फरार हो जाने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने दो आरोपियों को सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार सरायमीर थाना के कांस्टेबल राजनाथ तथा कांस्टेबिल जितेंद्र पांडे 13 मार्च 2009को संजरपुर कस्बे में गश्त कर रहे थे। तभी मुखबिर की सूचना पर संजरपुर रेलवे स्टेशन के पास से आरोपी मोहम्मद उमैर पुत्र शमशाद अहमद निवासी संजरपुर थाना सरायमीर को एक बड़े चाकू के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच पूरी करने चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। इसके अलावा उपरोक्त मोहम्मद उमैर तथा सलमान पुत्र मकसूद निवासी संजरपुर के खिलाफ 17 जुलाई 2015 को सरायमीर थाने मे एक मुकदमे में न्यायालय द्वारा फरार घोषित होने के बाद भी उपस्थित न होने पर न्यायालय के आदेश की उल्लंघन के आरोप में भी एक मुकदमा दर्ज किया।अभियोजन अधिकारी अमन प्रसाद ने बताया कि मोहम्मद उमर और सलमान दोनों ही पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार जिले के टॉप टेन के अपराधी हैं।शुक्रवार को अदालत ने अवैध चाकू रखने के आरोप में मोहम्मद उमर को इस मुकदमे में जेल में बिताई गई अवधि तथा एक हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई। वही न्यायालय के आदेश की उलंघन के आरोप में मोहम्मद उमैर तथा सलमान को जेल में बिताई गई अवधि तथा प्रत्येक पर एक एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।