गोरखपुर तहसीलदार, सबरजिस्ट्रार समेत 17 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
एसपी ओझा
गोला गोरखपुरI गोला पुलिस ने न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोरखपुर के आदेशानुसार तत्कालीन तहसीलदार और सबरजिसट्रार, तहसील के अन्य कर्मचारियों सहित 17 लोगों के खिलाफ विरुद्ध धारा 120बी,166,167, 420, 423, 424 तहत केस दर्ज किया है।
सुअरज गांव के दीपक सिंह पुत्र स्व. श्यामनरायन सिंह ने न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोरखपुर में धारा 156(3) के तहत मुकदमा दायर किया था। उसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके पिता स्व. श्यामनरायन सिंह की मृत्यु 30 जुलाई 2009 को हो गई थी।माता फुलवासी देवी के नाम से ग्राम बगहा तप्पा सिकंदरपुर परगना चिल्लूपार तहसील गोला में विभिन्न नंबर की भूमि रही है। जो उनके पितृपक्ष से मिली हुई है। उन जमीनों पर माता जी ने कृषि कार्य हेतु दिनांक 19 जून 2018 को यूनियन बैंक आफ इंडिया की शाखा पटनाघाट बड़हलगंज से केसीसी द्वारा दस लाख रुपए का लोन लिया था।माता जी अतिवृद्ध लगभग 80 वर्ष की आयु होने के कारण सोचने समझने की क्षमता नहीं रह गई है। जिसका लाभ उठाकर कमलेश सिंह ने अपने भाई राकेश सिंह पुत्रगण स्व. जयराम सिंह तथा अपने चचेरे भाईयों दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, रामअवधेश सिंह पुत्रगण स्व. वंशबहादुर सिंह, राणा सिंह व कमलकृष्ण सिंह पुत्रगण स्व. राजबहादुर सिंह ने अपनी साजिश में लेकर शैल कुमारी पत्नी राणा सिंह, रेनू पत्नी कमलकृष्ण सिंह, सरिता सिंह पत्नी दिग्विजय सिंह, रीता सिंह पत्नी अजय सिंह, सुनीता सिंह पत्नी राकेश सिंह, सिन्धुजा सिंह पत्नी रामअवधेश सिंह, निर्मला सिंह पत्नी कमलेश सिंह के नाम तीन बैनामे 2203.33 एअर प्रति बैनामा अर्थात कुल 6609.99 एअर का मात्र बीस हजार रुपए का प्रति बैनामा अर्थात मात्र साठ हजार रुपए में तीनों बैनामा दिनांक 9 दिसंबर 2021 को करा लिया तथा 15 मार्च 2022 को दाखिल खारिज भी करा लिया गया। वादी को बैनामे की जानकारी नहीं हुई तथा वादी के माताजी के साथ धोखाधड़ी करके बैनामा कराया गया जबकि उपरोक्त बैंक की शाखा द्वारा तहसीलदार गोला को अराजियात के बंधक होने की सूचना दिनांक 31 जनवरी 2022 को दिया जा चूका था तथा अभी भी जमीन पर लिया गया लोन लगभग पांच लाख रुपया ब्याज के साथ देना बाकी है। इस सूचना के बाद भी तहसील के कर्मचारियों के मिलीभगत से जमीन बैंक के पक्ष में बंधक होने का तथ्य खतौनी में दर्ज नहीं होने दिए तथा खारिज दाखिल कराया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि उपरोक्त गण काफी मनबढ़ किस्म के व्यक्ति हैं जिनमें से कमलेश सिंह पूर्व ग्राम प्रधान व प्रधान संघ बड़हलगंज का अध्यक्ष रह चूका है। उन्होंने साजिश से तहत तहसीलदार, सबरजिस्टार को अपने पक्ष में करके समस्त कार्यों को अंजाम दिया गया। जिसकी सूचना थाने पर दी गई। किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई फिर रजिस्ट्री के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिनांक एक मार्च 2024 को दिया किन्तु यहां भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।इसलिए कोर्ट का शरण लेना पड़ा।