निजामाबाद में निकला ताजिया अलम का जुलूस
प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़।बुधवार कस्बा निजामाबाद के काजी साहब के इमामबाड़े से लगभग 2.30बजे कदीमी जुलूस निकाला गया।यह जुलूस देवकी चौक,ठाकुर द्वारा चौक,थाना मोड़ होते हुए कर्बला के मैदान पर समाप्त हुआ।इसमें मौलाना नजर अब्बास,मौलाना शमशाद जाफरी,मौलाना सारिव अब्बास ने पूरे असरे में तीनों इमामबाड़ों में पहले मुहर्रम से दसवें दिन तक तकरीर किए। अंजुमन मैनुल अजा ,काजी मुहम्मद हुसैन, आबिद, बाकिर,फरीद अहमद ,गुड्डू,अर्शी,इसरार हसन और बच्चे नौहां वा मातम तथा जंजीर जनी करते हुए कर्बला के शहीदों की याद में मजलिस मातम वा नौहा खानी किया गया।सभी लोग काले कपड़े पहने हुए थे जिसमे बच्चे,बूढ़े,जवान वा महिलाएं शामिल थी।सभी शोक में डूबे हुए थे और कर्बला के शहीदों को याद करके या हुसैन या अब्बास या सकीना या अली की आवाज बुलंद कर रहे थे ।मुहर्रम शांति सद्दभावना मानवता एवम बलिदान का प्रतीक है,जिसमे कर्बला के शहीदों की कुर्बानी को याद करके शोक मनाया जाता है।अब से लगभग 1400 वर्ष पूर्व उस समय के भ्रष्ट एवम अधर्मी शासक यजीद ने मोहर्रम की दसवीं तारीख को हजरत इमाम हुसैन एवम उनके 71साथियों समेत जिसमे 6 महीने का दूध मुहां बच्चा अली असगर भी था।यजीद ने बड़ी बर्बरता एवम क्रूरतापूर्वक कर्बला में तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया।बच्चे को पानी देने के बजाय तीन भाल का तीर मारकर शहीद कर दिया गया।मुहर्रम अत्याचार,जुल्म,बर्बरता,अन्याय एवम असत्य के विरुद्ध लड़ाई है।इसलिए हर साल भारत समेत पूरी दुनियां में मुहर्रम बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है और आसुओं के साथ कर्बला शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी जाती है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से तहसीलदार कमल कुमार सिंह, लेखपाल लालधर यादव,एल आई यू सब इंस्पेक्टर आजमगढ़ एस के सिंह,थाना प्रभारी सच्चिदानंद यादव, उपनिरीक्षक सविंद्र राय,कैलाश यादव, का0 मुलायम यादव,अनूप यादव महिला उपनिरीक्षक सानिया गुप्ता सहित भारी संख्या में पुलिस के लोग जुलूस के साथ साथ चल रहे थे।