आजमगढ़ हत्या के मुकदमे में अदालत ने चार आरोपियों को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई
गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत में चार आरोपियों को दस दस वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को तेरह हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 3 जैनेंद्र कुमार पांडेय ने शनिवार को सुनाया।अभियोजन कहानी के अनुसार मुबारकपुर थाना क्षेत्र के देवरिया खालसा गांव में स्कूल में बच्चों की आपस मे पढ़ाई को लेकर हुई कहासुनी की मामूली रंजिश को लेकर बरखू राजभर के ललकारने पर सुनील,शिवलोचन, हरिलाल, मोचन राजभर,राम भजन चौहान तथा एक नाबालिग किशोर ने 20 फ़रवरी 2005 की सुबह सात बजे श्यामराज तथा चंद्रिका यादव को लाठी डंडा से बुरी तरह से मारा पीटा।इन्हीं चोटों की वजह से श्यामराज की इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मृत्यु हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया।दौरान मुकदमा आरोपी राम भजन चौहान की मृत्यु हो गई तथा नाबालिग किशोर की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने वादी जयहिंद यादव समेत कुल ग्यारह गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया।दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी बरखू राजभर ,सुनील राजभर ,मोचन राजभर तथा हरिलाल चौहान को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को तेरह हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई। एक अन्य दोषी आरोपी शिवलोचन राजभर फैसला सुनाते समय गैर हाजिर रहने पर अदालत ने शिव लोचन राजभर के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया।