देर रात तक जनसुनवाई करने वाले उपजिलाधिकारी निजामाबाद का स्थानांतरण सगड़ी न्यायिक पर हुआ
प्रेम प्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़।क्षेत्रवासियों, गरीबों ,असहायों के फसीहा के रूप में चर्चित निजामाबाद के उपजिलाधिकारी संत रंजन की कार्य शैली भी अजुबी थी हर सरकारी विभागों में जनसुनवाई दस बजे से बारह बजे तक होती है मगर निजामाबाद के उपजिलाधिकारी संत रंजन जी की कार्य शैली ही अजुबी थी जब से वह आए थे तब से क्षेत्रवासियों के लिए गरीबों के लिए एक मसीहा के रूप में चर्चित हो गए थे रोज सुबह दस बजे से वह जनसुनवाई करने बैठते थे तो रात आठ बजे तक जनसुनवाई करते रहते थे उनके साथ लेखपाल राजस्व निरीक्षक भी जनसुनवाई में रहते थे शिकायती पत्र पड़ने के बाद लेखपाल राजस्व निरीक्षक को तुरंत मौके पर भेजकर जरूरत पड़ने पर स्वयं जाकर शिकायत का निराकरण करते थे इसीलिए उपजिलाधिकारी के चेंबर में फरियादियों की भीड़ रात आठ बजे तक जुटी रहती थी ।क्षेत्र में उनके न्यायप्रियता की चर्चा जोरों पर थी उपजिलाधिकारी संत रंजन से पूछने पर वह कहा करते थे कि सरकार हमे इसी काम के लिए नियुक्त की है कि हम गरीबों असहायों को न्याय दिला सके।संत रंजन के स्थानांतरण से गरीबों और अ सहाय लोग क्षेत्र की जनता अत्यंत दुखी है।क्षेत्र की अधिकांश जनता ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी कम मिलते है जो जनता के लिए इतने समर्पित रह कर काम कर सके।