आजमगढ़ हत्या के मुकदमे में अदालत ने एक आरोपी को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई
गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को तीन साल के कठोर कारावास तथा तीन हज़ार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि इसी मुकदमे में एक अन्य आरोपी महिला को साधारण मारपीट का दोषी पाते हुए 6 महीने कैद तथा पांच सौ रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक रमेश चंद्र की अदालत ने शनिवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार महाराजगंज थाना क्षेत्र के तुर्कचारा नौबरार गांव में 15 नवंबर 2005 की रात दस बजे लड़कों के झगड़े के मामूली विवाद को लेकर आरोपी शंकर राम तथा उसकी पत्नी झिनकी देवी ने गांव के ही हरिलाल को गाली गलौज देते हुए लाठी डंडे से मारा पीटा।घायल हरि लाल को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया ,बाद में बेहतर इलाज के लिए वाराणसी ले जाया गया।जहां इलाज के दौरान 27 नवंबर को हरि लाल की मृत्यु हो गई पुलिस से जांच पूरी करने के बाद मुकदमे में चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया।अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अभय दत्त गोंड ने कुल ग्यारह गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी शंकर को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा तीन हज़ार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई ।जबकि झिनकी देवी को साधारण मारपीट का दोषी पाते हुए 6 महीने के कैद तथा पांच सौ रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।