कन्या पूजन के साथ नवरात्रि का समापन
प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़।नवरात्रि के रामनवमी को हवन और कन्या पूजन के साथ ही समापन हो गया। देवी मंदिरों में भीड़ लगी रही।अनेक स्थानों पर सामूहिक रूप से कन्या पूजन कर उन्हे उपहार प्रदान किया गया।शास्त्रों के अनुसार एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य,दो की पूजा से भोग और मोक्ष,तीन की पूजा अर्चना से धर्म,अर्थ वा काम,चार की पूजा से राज्यपद,पांच की पूजा से विद्या, छह की पूजा से छै प्रकार की सिद्धि, सात की पूजा से राज्य, आठ की पूजा से संपदा, अष्टसिद्धि और नौ की पूजा से नवनिधि तथा पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है। कन्याओं की संख्या 9 हो तो अति उत्तम है।कन्याओं की आयु 10 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।शास्त्रों में दो साल की कन्या कुमारी,तीन साल की त्रिमूर्ति,चार साल की कल्याणी,पांच साल की रोहिणी, छः साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शांभवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा मानी जाती हैं।भोजन कराने के बाद कन्याओं को दक्षिणा देनी चाहिए।इस प्रकार महामाया भगवती प्रसन्न होकर मनोरथ पूर्ण करती है।कन्या के पैर धोकर उन्हे आसन पर बैठाए।हाथो में मौली बांधे,माथे पर रोली से तिलक लगाए।भगवती दुर्गा को उबले हुए चने,हलवा,पूरी,खीर, पुआ वा फल आदि का भोग लगाया जाता है।यही प्रसाद कन्या को भी दिया जाता है।कन्याओं को कुछ न कुछ दक्षिणा भी दी जाती है।कन्याओं को लाल चुन्नी और चूड़ियां भी चढ़ाई जाती है।कन्याओं की घर से विदा करते समय उनसे आशीर्वाद के रूप में थपकी लेने की भी मान्यता है। आज सुबह से ही माता शीतला मंदिर पर भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी थी। मंदिर परिसर में जगह जगह सामूहिक कन्यापूजन हो रहा था तो हवन कराने वालों की भी भारी भीड़ थी। प्रशासन की तरफ से थाना प्रभारी हीरेंद्र प्रताप सिंह ,उपनिरीक्षक सविंदर राय,उपनिरीक्षक कैलाश यादव,उपनिरीक्षक उमेश सिंह,का0 मुलायम यादव,का0 कृष्ण चंद आदि लोग सुरक्षा की दृष्टि कोण से मंदिर में तैनात रहे।