लेखपाल संघ ने निजामाबाद तहसील पर एंटी करप्शन और विजिलेंस टीम के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन और समाधान दिवस का किया बहिष्कार।
प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद आजमगढ़।लेखपाल संघ, उपशाखा निजामाबाद में कार्यरत राजस्व लेखपाल द्वारा विगत दिनों एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियों के विरोध में शान्तिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन करते हुये तहसील परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस का बहिष्कार कर अपना विरोध जताया। विगत दिनों एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा आजमगढ़ सहित सम्पूर्ण उत्तरप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के क्रम में कई राजस्व लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया। एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा की जाने वाली उक्त कार्यवाहिया भी संदिग्धता से घिरी हुयी नजर आती है। सोशल मीडिया में प्रसारित अनेक विडियों एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पर सन्देह उत्पन्न करती है। एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही वैसे ही प्रतीत होती है जैसे कभी उत्तरप्रदेश में फर्जी इनकाऊन्टर की कहानी होती थी। एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा की जाने वाली फर्जी ट्रैपिंग कार्यवाहियों से लेखपालों में भय एवं आक्रोश का माहौल बना हुआ है। वर्तमान में राजस्व कर्मियों में भय व्याप्त होने से सरकारी कार्य भी प्रभावित हो रहे है। तहसील अध्यक्ष विक्रान्त सिंह द्वारा कहा गया कि एण्टी करप्शन कार्यालय द्वारा सामान्य शिकायत के आधार पर वास्तविक तथ्यों का परीक्षण किए बगैर शिकायतकर्ता को उकसाकर स्वयं बोल बोल कर शिकायती प्रार्थनापत्र लिखवाया जाता है और प्री ट्रैप जांच की कागजी औपचारिकता कर उसी दिन अथवा अगले दिन लेखपाल को फंसाने के विविध प्रयास करके गिरफ्तार कर लिया जाता है। अधिकांश प्रकरणों में शिकायत पत्र में उल्लिखित कार्य लेखपाल से सम्बन्धित भी नहीं होता है और न ही लेखपाल द्वारा कोई रिश्वत की मांग की गयी होती है। लेखपाल को सामने मिलने पर शिकायतकर्ता द्वारा जबरन उसकी जेब /हाथ /वाहन/ कक्ष में पैसा रख दिया जाता है। टीम द्वारा जबरन पकड़कर लेखपाल के हाथ में पैसा रखवाकर अथवा पाउडर लगाकर अथवा अपने पाउडर लगे हाथ से लेखपाल का हाथ पकड़कर, पानी के गिलास में धुलवाये जाते हैं।
कई घटनाओं में तो दलालों/साजिशकर्ताओं द्वारा पैसा लेने के आधार पर लेखपाल को बिना रिश्वत स्वीकार किये ही गिरफ्तार किया जा रहा है। दिनंाक 02.01.2025 जनपद गाजीपुर की तहसील कासिमाबाद में लेखपाल को जबरन ट्रैप की घटना कारित की गयी। जैसा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से स्पष्ट हो रहा है कि सम्बन्धित लेखपाल, शिकायतकर्ता के गाॅंव से कई 2-2.5 किमी दूर दूसरे गाॅंव में अनेको ग्रामवासियों की उपस्थिति में पैमाईश कर रहा था। इसी मध्य शिकायतकर्ता ने आकर लेखपाल की जेब में पैसा डाल दिया जिसे लेखपाल ने नाराज हुए बाहर निकाल कर वापस दिया। इतने में ही एण्टी करप्शन की टीम द्वारा लेखपाल को उठा लिया गया। वीडियों में स्पष्ट रूप से ग्रामवासी बोल रहे हैं कि लेखपाल ने कोई पैसा नहीं लिया है अपितु पैमाईश का कैलकुलेशन कर रहा था और शिकायतकर्ता ने जबरन लेखपाल की जेब में पैसा रखकर एण्टी करप्शन से पकडवाया है। सैकड़ो ग्रामवासी उक्त झूठे ट्रैप का विरोध करते हुए थाने पर भी पहुॅंच गये थे जिससे स्पष्ट होता है कि लेखपाल भ्रष्ट प्रवृत्ति का नहीं है। इसी प्रकार जनपद लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर में सर्तकता अधिष्ठान के कर्मचारी के रिश्तेदार द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा एवं अवैध प्लाटिंग करने की जांच लेखपाल द्वारा (मण्डलायुक्त महोदया के निर्देशन में जनपद में चलाये जा रहे एण्टी भू माफिया एवं अवैध प्लांिटंग के खिलाफ अभियान के अन्तर्गत) किये जाने के कारण लेखपाल को फर्जी रूप से दिनांक 31.12.2024 को ट्रैप करवा दिया गया। सर्तकता अधिष्ठान के उक्त कर्मचारी द्वारा पूर्व में लेखपाल को ट्रैप करने की धमकी दी गयी थी जिसकी सूचना लेखपाल द्वारा उच्चाधिकारियों को तत्समय ही दे दी गयी थी। अधिकारियों द्वारा ससमय आवश्यक कार्यवाही न करने के कारण एक सप्ताह बाद लेखपाल को फर्जी रूप से ट्रैप करवा दिया गया। दिनांक 04.10.2024 को जनपद महाराजगंज में लेखपाल द्वारा न कोई रिश्वत मांगी गयी और न ही रिश्वत प्राप्त की गयी फिर भी एक दलाल /साजिशकर्ता को पैसा पकड़ाकर उसका सम्बन्ध लेखपाल से बताते हुए जबरन लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया। विरोध किये जाने पर एण्टी करप्शन टीम द्वारा सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया गया कि लेखपाल द्वारा कोई पैसा नहीं लिया गया है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस प्रकार के साजिशन /झूठा फंसाने की अनेकों घटनाएं हो चुकी है। जहां जहां घटनाएं कैमरों में कैद हो गयी हैं वहां वहां सोशल मीडिया पर झूठा फंसाने सम्बन्धी तथ्य उजागर हुए हैं किन्तु लेखपाल फील्ड का कर्मचारी होने के कारण उसके साथ झूठा फंसाने के तथ्य सामान्यतः कैमरों में कैद नहीं हो पाते हैं। ईमानदार लेखपाल/कर्मचारी भी वर्तमान परिवेश में भय के कारण जनसामान्य से दूर होता जा रहा है और सही कार्य करने में भी डर रहा है। जिससे सरकार एवं सरकारी कर्मचारियों की छवि धूमिल हो रही है और आम जनता में सरकार एवं सरकारी सिस्टम के प्रति अविश्वास एवं नकारात्मकता का भाव बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के लेखपालों में झूठी घटनाओं के कारण आक्रोश व्याप्त है। उ0प्र0 लेखपाल संघ भ्रष्टाचार का विरोधी है। किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जाना स्वच्छ प्रशासन एवं कल्याणकारी राज्य के लिए आवश्यक है किन्तु टार्गेट पूरा करने अथवा जनसामान्य में सरकारी कर्मचारियों की छवि खराब करने के उद्देश्य से किसी भी लेखपाल/कर्मचारी को साजिशन फंसाया जाना अथवा सामान्य शिकायत मात्र के आधार पर जबरन गिरफ्तार किया जाना कर्मचारी एवं उसके परिवार के भविष्य को बर्वाद करने जैसा बड़ा पाप है। वर्षों तक मुकदमा ट्रायल के पश्चात आरोप मुक्त होने के बावजूद कर्मचारी पर लगा कलंक/ सामाजिक प्रतिष्ठा एवं आर्थिक व मानसिक प्रताड़ना तथा विभाग की धूमिल हुई छवि की प्रतिपूर्ति नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि एण्टी करप्शन/विजिलेन्स ट्रैप की कार्यवाही के पूर्व प्री ट्रैप जांच में यह अवश्य जांच कर ली जाए कि उक्त प्रकरण में शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व में लेखपाल/ कर्मचारी के विरूद्ध रिश्वत मांगने की शिकायत प्रशासनिक स्तर पर की थी अथवा साजिशन फंसाने की नियत से प्रथम बार सीधे एण्टी करप्शन विभाग में ही शिकायत की गयी है। क्या उक्त कर्मचारी /लेखपाल के विरूद्ध पूर्व में भी अन्य कोई भ्रष्टाचार की शिकायत/कार्यवाही हुई है जिनके आधार पर उसे भ्रष्ट प्रवृत्ति का कर्मचारी मानते हुए ट्रैप की कार्यवाही की जा रही है। शिकायत में उल्लिखित कार्य लेखपाल दायित्व से सम्बन्धित है अथवा उच्च अधिकारी/न्यायालय से सम्बन्धित है। यदि शिकायतकर्ता का कार्य लेखपाल दायित्वों से सम्बन्धित न होने के बावजूद शिकायतकर्ता लेखपाल से कार्य कराने का विधि विरूद्ध प्रयास करता है तो रिश्वत देने के प्रयास में उसके विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत होना चाहिए। किसी दलाल/साजिशकर्ता के द्वारा पैसा/रिश्वत लेने के आधार पर लेखपाल/कर्मचारी को गिरफ्तार करने पर रोक लगायी जाए। ऐसे भययुक्त माहौल में ईमानदार कर्मचारी भी सही कार्य करने में डर रहा है। फर्जी/जबरन ट्रैपिंग की घटनाओं से लेखपाल आक्रोशित एवं आन्दोलित है। मंत्री लव कुमार राय द्वारा बताया गया कि तहसील निजामाबाद में कार्यरत लेखपाल रामदयाल त्रिपाठी एवं सगड़ी में कार्यरत लेखपाल यादवेन्द्र यादव, रामायण भारद्वाज, केशपाल, सुजीत कुमार के ऊपर एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा फर्जी ढंग से कार्यवाही की गई है। किसी के जेब में जबरदस्ती पैसा डाला गया तो किसी के बैग में। फिर टीम द्वारा जबरन केमिकल युक्त नोट को हाथ में रखकर फिर हाथ को धुलवाया गया। ंअन्त में संघ द्वारा यह मांग की गयी कि प्रत्येक जनपद में की गयी ट्रैपिंग की समस्त घटनाओं की मजिस्ट्रेटियल जांच करायी जाय एवं एण्टी करप्सन टीम व विजिलेन्स विभाग द्वारा फर्जी ढंग से की जाने वाली कार्यवाही में लिप्त अधिकारियों पर न्यायोचित कार्यवाई की जाय।