Azamgarh हत्या के मुकदमे में अदालत ने तीन आरोपियों को दो दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई
गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को दो दो वर्ष के सश्रम कारावास तथा प्रत्येक को साढ़े छह हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 6 संतोष कुमार यादव ने शुक्रवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा धर्मेंद्र कुमार निवासी बाढ़ू का पूरा थाना रौनापार की गांव के पप्पू उर्फ रणविजय आदि से रंजिश चल रही थी।इसी रंजिश के कारण 19 जून 2007 की रात लगभग साढ़े दस बजे पप्पू उर्फ रणविजय, शुद्धु तथा सुनील वादी मुकदमा धर्मेंद्र के भाई रामजीत को मारने पीटने लगे।शोर गुलशन रामजीत को बचाने उसकी मनजा गई तब हमलावरों ने मनजा देवी को लाठी डंडा से बुरी तरह से मारा।जिसके कारण उसी रात मनजा देवी की मृत्यु हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद तीनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया।अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता आनंद सिंह तथा अविनाश चंद्र राय ने वादी मुकदमा समेत कुल सात गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पप्पू उर्फ रणविजय,सुद्धू तथा सुनील को दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास तथा प्रत्येक को साढ़े छह हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।